tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post1396647811898937888..comments2023-11-27T02:57:26.642-08:00Comments on do patan ke bich: पुल के पाररंजीत/ Ranjithttp://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-27401157740259740412011-09-18T04:21:19.430-07:002011-09-18T04:21:19.430-07:00शुभकामनाएं .....शुभकामनाएं .....Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-40310607087216770552011-09-17T03:54:15.564-07:002011-09-17T03:54:15.564-07:00पुष्यमित्र भाई
मुझे नहीं पता कि "मिथिला के मि...पुष्यमित्र भाई<br />मुझे नहीं पता कि "मिथिला के मिलन'' से आपका क्या तात्पर्य है। मेरी समझ से इस "मिथिला मिलन'' से ज्यादा ज्वलंत और जरूरी सवाल कोशी के प्रबंधन को लेकर है। हमें नहीं भूलना नहीं चाहिए कि मिथिला का यह विभाजन कोशी नदी के कुप्रबंधन और इसके नाम पर दशकों से चली आ रही लूट के कारण ही हुआ। कोसी में विशाल चौड़ाई पर तटबंध बना दिया गया, जिसके कारण नदी गैर-बरसाती मौसम में अभेद्य बनकर रह गयी। पहले ऐसा नहीं था। तटबंध बनने से पहले लोग नाव के सहारे आसानी से आवाजाही करते थे। तटबंध ने नाव के विकल्प को भी खत्म कर दिया क्योंकि तटबंधों के अंदर नदी से ज्यादा बलुआही दियारा का अस्तित्व हो गया। तटबंध से पहले कोशी की मौजूदगी के बावजूद मिथिला विभाजित नहीं था और इस पुल के निर्माण के बाद भी "मिलन'' की कोई गारंटी नहीं है। मिलन की गारंटी कोशी की सहमति के बिना संभव नहीं है, इसलिए मैंने आलेख को प्रार्थना के साथ समाप्त किया है। जब सारे अनुरोध अनसुने हो जाये, तो प्रार्थना ही की जा सकती है। <br />आपको धन्यवादरंजीत/ Ranjithttps://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-73161751331470626382011-09-16T06:18:48.639-07:002011-09-16T06:18:48.639-07:00भाई रणजीत
आज ही मैं प्रभात खबर पर खबर लगवा रहा ह...भाई रणजीत <br /><br />आज ही मैं प्रभात खबर पर खबर लगवा रहा हूँ के दीवाली से पुल पर परिचालन शुरू हो जायेगा... आपकी आशंका जायज है, आंध्र प्रदेश में भी एक ऐसा बराज बना था जिसके उद्घाटन से पहले नदी उसे छोड़ कर कहीं और चली गयी थी. वैसे मिथिला का मिलन होके रहेगा कोसी मधेपुरा और पूर्णिया के बीच ही कहीं बहेगी ...पुष्यमित्रhttps://www.blogger.com/profile/10874438406150395009noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-33623247808780244912011-09-12T06:56:11.344-07:002011-09-12T06:56:11.344-07:00"आइये हम सब मिलकर कोशी मइया से प्रार्थना करे..."आइये हम सब मिलकर कोशी मइया से प्रार्थना करें कि वह मान जाये। नैहर जाने की जिद छोड़ दे। साठ वर्षों से दो हिस्से में विभाजित मिथिलांचल को फिर से एक कर दे" - शुभकामनाएं <br /><br /><br />आलेख को पढना और समझाना नया अनुभव रहाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-17738483622548220382011-09-11T08:16:16.912-07:002011-09-11T08:16:16.912-07:00Correction
दोनों सिरे, kripya sire ke badle Kinare...Correction<br />दोनों सिरे, kripya sire ke badle Kinare padhen. pahle wakya me Jaisa ke bale "Bachhe jaisa" padhen.<br />I am sorry for my mostake.रंजीत/ Ranjithttps://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-20713445634135021082011-09-11T07:30:50.799-07:002011-09-11T07:30:50.799-07:00अब उसे यकीन हो चला है कि कोसी पर महासेतु बनाया जा ...अब उसे यकीन हो चला है कि कोसी पर महासेतु बनाया जा सकता है।<br /><br />बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com