tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post1546414932999880147..comments2023-11-27T02:57:26.642-08:00Comments on do patan ke bich: वो घास की कताई वो कास की बुनाई (अंतिम कड़ी)रंजीत/ Ranjithttp://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-43327208562488560502009-02-15T00:55:00.000-08:002009-02-15T00:55:00.000-08:00घास की कटाई और बुनाई - तरह तरह की उपयोगी और मनमोहक...घास की कटाई और बुनाई - तरह तरह की उपयोगी और मनमोहक चीजें , मगध क्षेत्र में भी प्रचलित थी. बट्टे , मनमोहक सौन्दर्य प्रसाधन रखने लायक छोटे बट्टे , संदूक और अलग अलग साइज़ की मंजुशाएं . लेकिन सदियों से संचित और परिष्कृत यह कला १९७० तक आते आते दम तोड़ चुकी थी . इससे पहले की यह कला और कारीगर विलुप्त हो जाय ,इसका दस्तावेजी रिकॉर्ड बनाने की जरूरत है . पश्चीम के देश जो अपनी विरासत की क़द्र करते हैं वहाँ ऐसी चीजों को समर्पित संग्रहालय भरे पड़े हैं.<BR/>जानकारी के लिए आभार <BR/>शुक्रिया मेरे ब्लॉग पर आने के लिए . विचारों का इसी तरह आदान प्रदान होता रहे इसी उम्मीद के साथ .<BR/>सादरKaushal Kishore , Kharbhaia , Patna : कौशल किशोर ; खरभैया , तोप , पटनाhttps://www.blogger.com/profile/07416678636893602698noreply@blogger.com