tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post6629416497147260685..comments2023-11-27T02:57:26.642-08:00Comments on do patan ke bich: बात पते की/ किसान को 21 सौ, चपरासी को 15 हजाररंजीत/ Ranjithttp://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-49067709249846392392009-03-30T07:43:00.000-07:002009-03-30T07:43:00.000-07:00आपका कहना सही है.........सरकार कृषि के बहाने भी ने...आपका कहना सही है.........सरकार कृषि के बहाने भी नेताओं को कमाने का मौका देती हैदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-62201327111556410882009-03-29T22:40:00.000-07:002009-03-29T22:40:00.000-07:00anunad bhai main bhee aapkee bat se sau fisad sahm...anunad bhai main bhee aapkee bat se sau fisad sahmat hun. Kisano ke liye hamen kuch karna chahiye.<BR/>shukriya<BR/>Ranjitरंजीत/ Ranjithttps://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-46711166309591189052009-03-29T20:37:00.000-07:002009-03-29T20:37:00.000-07:00जिस किसी ने यह मुदा उठाया, उसका चरण चूमने का मन हो...जिस किसी ने यह मुदा उठाया, उसका चरण चूमने का मन हो रहा है। देश के सरकारी कर्मचारी और अंग्रेजभक्त बैठे-बैठे इस देश को चूस रहे हैं। फिर भी उन्हें लाखों में वेतन और अनाप-सनाप सुविधाएं दी जा रही हैं। देश का अन्नदाता लाचारी में जी रहा है। उसके लिये कोई एमबी।बीएस डाक्टर गाँव में नहींजाना चाहता। कोई अच्छा स्कूल वहाँ नहीं है। एक प्रमाण-पत्र को सत्यापित कराने के लिये कोई राजपत्रित अधिकारी ढ़ूँढ़ना मुश्किल होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के फार्म के लिये उन्हें सैकड़ों मील दूर आना पड़ता है। परीक्षा देने के लिये उन्हें हजारों मील दूर पहुँचना/रहने की विवशता झेलनी पड़ती है। <BR/><BR/>मैं तो कहता हूं कि ग्रामीण विद्यालयों के मेपढ़े विद्यार्थियों के लिये कम से कम ५०% का आरक्षण दिया जाना जरूरी है। किसान और उसका परिवार सबसे विकट परिस्थितियों में रहकर सबसे अधिक उपेक्षा का शिकार बन रहे हैं।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-80327774061413961192009-03-29T10:49:00.000-07:002009-03-29T10:49:00.000-07:00कृषि के क्षेत्र में इतने वैज्ञानिकों और सरकार के इ...कृषि के क्षेत्र में इतने वैज्ञानिकों और सरकार के इतने खर्च का क्या औचित्य है ... समझ में नहीं आता ... पूरे देश का पेट भरनेवाले किसान ही अभी तक लाचारी की हालत में जी रहे हैं।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com