tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post6897844222603976557..comments2023-11-27T02:57:26.642-08:00Comments on do patan ke bich: कविता की जरूरतरंजीत/ Ranjithttp://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-34764869663974191172010-05-01T05:57:48.829-07:002010-05-01T05:57:48.829-07:00i like your attitude. you always give material to ...i like your attitude. you always give material to be a resposible citizen.you are my asset.जय श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/13861991547003318743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-50842426286746155332010-04-26T04:44:59.660-07:002010-04-26T04:44:59.660-07:00कविता
काजल की कोठरी में बेदाग की तलाश है
निरर्थक...कविता<br /><br />काजल की कोठरी में बेदाग की तलाश है<br /><br />निरर्थक शोर के बीच अर्थ का प्रयास है<br /><br />खामोशी तोड़ने का आखिरी औजार है<br /><br />लाजवाब ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-28014759667088983352010-04-25T00:16:00.355-07:002010-04-25T00:16:00.355-07:00चेतनासंपन्न मूल्यांकन के लिए आप सभी गुणी जनों का ब...चेतनासंपन्न मूल्यांकन के लिए आप सभी गुणी जनों का बहुत-बहुत आभार।रंजीत/ Ranjithttps://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-73309949976548110382010-04-24T20:13:55.091-07:002010-04-24T20:13:55.091-07:00बहुत सुन्दर दिल को छुं लेने वाली कविता है ! पढकर ब...बहुत सुन्दर दिल को छुं लेने वाली कविता है ! पढकर बहुत अच्छा लगा !<br />जब हर खबर पहले से सुनी हुई लगे<br />प्रेम और टेस्टोरेन समानार्थी हो जाये <br />तो कविता मजबूरी हो जाती है<br /><br />क्या बात है जी !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-5247690436930596562010-04-24T19:23:49.492-07:002010-04-24T19:23:49.492-07:00बहुत उम्दा!! अच्छी लगी रचना!बहुत उम्दा!! अच्छी लगी रचना!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-9135518209245873382010-04-24T08:17:21.900-07:002010-04-24T08:17:21.900-07:00बहुत गहरा चिंतन ... बहुत कुछ खोजती, अपने आप को तला...बहुत गहरा चिंतन ... बहुत कुछ खोजती, अपने आप को तलाशती ... अक्सर कविता ऐसे भी भटक जाती है सच और सच को कहने की ताक़त के बीच .... लाजवाब प्रस्तुति ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-8704816178060390562010-04-24T07:14:32.925-07:002010-04-24T07:14:32.925-07:00सीधे सीधे जीवन से जुड़ी ईस कविता में नैराश्य कहीं ...सीधे सीधे जीवन से जुड़ी ईस कविता में नैराश्य कहीं नहीं दीखता। एक अदम्य जिजीविषा का भाव कविता में इस भाव की अभिव्यक्ति हुई है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-314610924509122169.post-12623328997262406072010-04-24T06:34:45.839-07:002010-04-24T06:34:45.839-07:00"जबहम नहीं कह पाये रस्सी को सांप
गांव की उस ..."जबहम नहीं कह पाये रस्सी को सांप <br />गांव की उस निर्दोष बेवा को बांझ<br />सुबह को सांझ और किनारे को मांझ<br />...<br />कविता काजल की कोठरी में बेदाग की तलाश है निरर्थक शोर के बीच अर्थ का प्रयास है खामोशी तोड़ने का आखिरी औजार है मां की मनाही और प्रेमिका की हां है कविता आखिरी सांस तक मानव बने रहने की जिद है"<br /><br />बेबाक प्रस्तुति - लाजवाब रचना - यही सोच बनी रहे - हार्दिक शुभकामनाएंAnonymousnoreply@blogger.com