सोमवार, 10 जनवरी 2011

मेरी बेटी ने एक राक्षस का वध किया है- कुमुद

सीबीआइ रूपम पाठक के आरोपों की जांच नहीं करेगी। राज्य सरकार ने सीबीआइ से कहा है कि वह केसरी हत्याकांड की जांच करें। इसका क्या अर्थ हुआ? क्या बिना जांच के ही मान लिया गया है कि रूपम पाठक के आरोप गलत थे। तो फिर केसरी हत्याकांड की जांच की क्या आवश्यकता? रूपम ने तो दर्जनों लोगों के सामने विधायक की हत्या की थी और वह खुद अपना गुनाह कबूल भी रही है। इस मामले में जो बात लोग जानना चाहते हैं, वह है रूपम के आरोप की असलियत कि आखिर क्या मजबूरी थी कि एक शिक्षिका को हत्यारन बनना पड़ा। लेकिन सरकार इस सवाल पर मिट्टी डालना चाहती है। यानी प्रपंच का प्रहसन अभी जारी है। शायद यही बात रूपम की मां कुमुद मिश्र भी कहना चाहती है। एक बेटी की पीड़ा को उसकी मां से ज्यादा कोई दूसरा महसूस नहीं कर सकता है ? कुमुद मिश्रा कुछ सवाल कर रही है, सरकार से भी और समाज से भी ? लेकिन शायद हमारे पास उनके सवालों के जवाब नहीं हैं या फिर समाज गूंगा-अंधा हो गया है। कुमुद मिश्र की जुबानी ही सुनिये एक मां का दर्द। -रंजीत

'' देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया तो वे पूज्य हैं। हम उन्हें देवी कहते हैं। मेरी बेटी ने भी मर्यादा की रक्षा के लिए एक राक्षस का वध किया है, फिर उसे जेल में क्यों रखा गया है ? रूपम ताकतवर लोगों के शोषण की शिकार हर महिला के लिए आदर्श है। हमारी बेटी को इस हालात में पहुंचाने वाला विपिन खुलेआम घूम रहा है। यदि विपिन मिल जाये तो मैं उसका खून पी जाऊंगी। जिस समय रूपम ने यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था, मैं भी उसके साथ थी। जिस व्यक्ति ने रूपम का एफआइआर लिखा था, वही उसकी कॉपी लेकर उसकी आंखों के सामने विधायक के पास गया था। उसी समय उसने कहा था कि पूरा सिस्टम बिका हुआ है, कोई तुम्हारी मदद नहीं करेगा। कुमुद आगे कहती है मैं अपनी बेटी को लेने आइ हूं और मुझे उम्मीद है कि पूर्णिया के लोग हमारा साथ जरूर देंगे। रूपम को जब तक पटना इलाज के लिए नहीं भेजा जाता, तब-तक मैं यहां से नहीं हिलूंगी। ''

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