सोमवार, 7 सितंबर 2009

राहत और रिश्वत

दहाये हुए देस का दर्द- 55
हमने देखी एक प्रचंड बाढ़
बाढ़ के बाद
धरती पर एक भीषण उजाड़
खाली गोद
बिछुड़े अबोध
पोछी मांग
इसके बाद
हमने देखी
शायद सबसे बड़ी राहत
शायद सबसे बड़ी रिश्वत
चरपहिये से दौड़ते गिद्ध
दोपहिये से झपटते चील और कौअॆ
और इस तरह
हम भूल गये उस बाढ़ को
उसकी प्रचंडता को
अब हमें
वह बाढ़ बहुत निरीह लगने लगी है
क्योंकि हमारे सामने
बाढ़ से लंबी लकीर खींची जा चुकी है
 

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