शुक्रवार, 29 मई 2009

परिवारवाद जिंदावाद !

देशवासियों को यूपीए सरकार का एहसान मानना चाहिए क्योंकि इसने परिवारवाद को एक बार फिर ऐतिहासिक बुलंदियों पर पहुंचाया है, जो मुगल वंश के पतन के बाद कहीं खो गया था । यूपीए के कर्णधारों ने देशवासियों को सदियों पुराने राजतंत्र की याद दिलायी है, इसलिए वे हार्दिक अभिनंदन के हकदार हैं। हमें करुणानिधि को कोटि-कोटि धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने लोगों की इस गलतफहमी को दूर कर दिया है कि भारत में लोकतंत्र है। हमें आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्‌डी को नमन करना चाहिए क्योंकि उन्होंने राखी की लाज रख ली है और सगी बहन काे राज्य की गृह मंत्री की कुर्सी नवाजा है। वैसे भी कुछ समय से न्यूक्लियर फैमिली के रोग के कारण देश पर परिवारों के विघटन का खतरा मंडरा रहा था।
यूपीए सरकार की इस परिवारवादी मुहिम से सदियों पुराने भारतीय संयुक्त परिवार की परंपरा को जीवन दान मिलेगा। इसके कारण इन्हें अलग से धन्यवाद प्रेषिद किया जाना चाहिए। करुणानिधि ने अपने घर के सभी प्रमुख सदस्यों को राजगद्दी पर बिठाकर यह साबित कर दिया है कि वे हरियक, शुंग, मौर्य, सातवाहन,पाल, गुप्त, खिलजी, लोदी और मुगल वंश की परंपराओं को भूले नहीं हैं। चाहे जो भी तंत्र हो, वह राजतंत्र की लौ को मद्धिम नहीं पड़ने देंगे। पहले देश में परिवारवाद का उपासक सिर्फ गांधी परिवार हुआ करता था अब तमाम बड़े नेताओं ने इस धर्म को अपना लिया है। इसलिए गांधी परिवार अब खुद को अल्पसंख्यक महसूस नहीं करेगा। आंध्र प्रदेश से लेकर मेघालय और तक परिवारवादी धर्म का पताका फहरा रहा है।गांधी परिवार इस धर्म के प्रणेता हैं, इसलिए उन्हें जल्द ही पूज्यनीय और अराध्य घोषित कर देना चाहिए। परिवारवाद के समर्थक तेजी से इस ओर बढ़ रहे हैं। देश में जगह-जगह उनके नाम के मंदिर बनने चाहिए। अराध्य गीतों की रचना होनी चाहिए। एक गीत यह हो सकता है- जय हो यूपीए, जय हो गांधी परिवार। जय हो परिवारवाद ! जय हो... जय हो... जय-जय-जय, जय हो...

5 टिप्‍पणियां:

Jayram Viplav ने कहा…

आज भारत में युवाओं का बड़ा महिमामंडन हो रहा है । ७१% नौजवानों की आबादी वाले राष्ट्र में युवाओ की राजनीतिक स्थिति पर चुनाव विश्लेषक योगेन्द्र यादव ने एक सटीक प्रश्न उठाया है कि "क्या सचमुच इस देश में ऐसा नौजवान युवा वर्ग मौजूद है जो अपने बूते राजनीति-चुनावों की दिशा तय कर सके ? जब मैं देखता हूँ कि राहुल नाम का एक लड़का जो गमले का फूल है, हजारों कांग्रेसी युवा कार्यकर्ताओं के अधिकारों को रौंदता हुआ मात्र वंशवाद के बूते प्रधानमंत्री के पद की ओर मूविंग चेयर पर बिठाकर बढाया जा रहा है । पूरी कांग्रेस में एक भी भगत सिंह नही है , जो इस वंश गुलामी का विरोध कर कार्यकर्त्ता की मर्यादा की प्रतिष्ठा करे ? " पंडित जगनिक के शब्दों में कहें तो ऐसे यौवन को धिक्कार !

Jayram Viplav ने कहा…

आज भारत में युवाओं का बड़ा महिमामंडन हो रहा है । ७१% नौजवानों की आबादी वाले राष्ट्र में युवाओ की राजनीतिक स्थिति पर चुनाव विश्लेषक योगेन्द्र यादव ने एक सटीक प्रश्न उठाया है कि "क्या सचमुच इस देश में ऐसा नौजवान युवा वर्ग मौजूद है जो अपने बूते राजनीति-चुनावों की दिशा तय कर सके ? जब मैं देखता हूँ कि राहुल नाम का एक लड़का जो गमले का फूल है, हजारों कांग्रेसी युवा कार्यकर्ताओं के अधिकारों को रौंदता हुआ मात्र वंशवाद के बूते प्रधानमंत्री के पद की ओर मूविंग चेयर पर बिठाकर बढाया जा रहा है । पूरी कांग्रेस में एक भी भगत सिंह नही है , जो इस वंश गुलामी का विरोध कर कार्यकर्त्ता की मर्यादा की प्रतिष्ठा करे ? " पंडित जगनिक के शब्दों में कहें तो ऐसे यौवन को धिक्कार !

Jayram Viplav ने कहा…

आपकी लेखनी बेबाक और सच्चाई से भरी है . हमने राष्ट्रहित की सोच वाले कुछ लोगों को एक जगह एकत्र किया है जो भारत की बात करते हैं न की इंडिया की . आप को हमारे सामुदायिक ब्लॉग पर लेखन हेतु आमंत्रित किया जाता है .............. आमंत्रण आपके मेल पर भेजा गया है ..... जय हिंद

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आपकी सटीक और बेबाक टिप्पणी १०० प्रतिशत सही है..........आधे से ज्याद युवा नेता परिवारवाद की परम्परा को ढो रहे हैं.......... और UPA इसका प्रतीक है

kalpana lok ने कहा…

parivar ki baat bemani hai. janta jis din puri jagrook hogi aise natao ko kharig kar degi.