बुधवार, 18 जुलाई 2012

दर्द न मिले, तो दुखता है

  

  दर्द !
  अब न मिले
  तो दुखता है

  नहीं बंधु !!
  घाव नहीं है यह
  हथेली का ठेल्ला (गांठ) है
  कुदाली दो पारने को
  पत्थर दो तोड़ने  को
  बस यही एक दवा है

  नहीं !!!
  नहीं लगती चोट
  इस बात को लेकर
  जी अक्सर कचोटता है
  

2 टिप्‍पणियां:

विनोद सैनी ने कहा…

यदि दुख नही होगा तो सुख का अहसास नही होगा
यूनिक तकनीकी ब्लाग

Sunil Kumar ने कहा…

बहुत अच्छी भावाव्यक्ति , बधाई