सोमवार, 12 जनवरी 2009

नेपाल में अब महिला पत्रकार की हत्या

नेपाल में मीडिया और पत्रकारों की समस्या कम होती प्रतीत नहीं होती। अभी कांतिपुर पब्लिकेशन के अखबारों को जबर्दस्ती बंद कराने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि गत रविवार को एक और पत्रकार की हत्या कर दी गयी। दुखद बात यह है कि इस बार अराजकतावादियों ने महिला पत्रकार को निशाना बनाया। इस पत्रकार का नाम उमा सिंह है और वह जनकपुर के निकट धनुषा में रहती थी। फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट (एफएनजे) के अध्यक्ष धर्मेंद्र झा ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि लोकतांत्रिक नेपाल में मीडिया को निशाना बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले चार माह में यह सातवां मामला है जब किसी नेपाली पत्रकार को मौत के घाट उतार दिया गया है। वैसे एफएनजे समेत अन्य नेपाली मीडिया संगठन इसका लगातार विरोध कर रहा है, लेकिन अराजकतावादियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। नेपाल स्थित मेरे पत्रकार मित्रों का कहना है कि हत्यारों को प्रशासन और सरकार का समर्थन प्राप्त है और वे अपने खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों के सफाये में जुटे हैं। इसका मतलब साफ है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार संगठनों की जिम्मेदारी बनती है कि वह नेपाल की सरकार से बात करें । लोकतंत्र के समर्थकों के लिए नेपाल की ये घटनाएं चिंता का विषय होना चाहिए। लेकिन अभी तक अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने इस पर खामोशी ओढ़ रखी है। पता नहीं ये संगठन अपनी भूमिका से भी अवगत हैं या नहीं।

1 टिप्पणी:

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत ही शर्मनाक घटनाएं हैं ये सब....चाहे इसे जो भी अंजाम दे रहे हों।