मैं
सभ्यता की सारी उपलव्धि
प्रणय प्रसंग का चरमोत्कर्ष
सिकंदर का अहं
कुबेर की तिजोरी
या फ़िर
ऐशार्व्या का सौंदर्य और मोनालिसा का मुस्कान
कुछ भी हो सकता हूँ
सिवाय
एक इन्सान के
क्योंकि मैं चुप रहा
जब मेरे पड़ोस में , एक सबल ने निर्बल को मारा
और जब दंगा हो रहा था
तब मैं टेलिविज़न पर क्रिकेट मैच देख रहा था
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