मंगलवार, 24 जून 2008

बाबुल तेरे देश में


बहुत पहले मेबात के लोक कवि सदाल्ला ने लिखा था - बाबुल तेरे देश में के बेटी एक बैल / हाथ पकड़कर दिना जानी परदेशी के गैल । नेपाल के सुनसरी जिले के एक गाँव की इस लड़की को इस्सलिये अपने घर से घरनिकाला दे दिया गया क्योंकि यह रितुस्रावा थी . गाँव के लोगों का कहना है कि मासिक स्राव के दौरान लडकी असुद्ध होती है इसलिए उसे घर में न रहने का अधिकार है न खाने का और न सोने का
रंजीत
(यह तस्वीर कांतिपुर डॉट कॉम से साभार ली गयी है )

9 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (16-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ...!

Suresh kumar ने कहा…

मैंने कुछ ऐसा सुना है ,वो घर में ही अलग जगह दे देते हैं !उसका खाना पीना सब कुछ वहीँ पर दिया जाता है ,उसके हाथ का न कोई खाता है और न ही कोई पीता है ! ये बात घर में सभी लड़कियों , औरतो के लिए बराबर होती है !

Suresh kumar ने कहा…

कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

विनोद सैनी ने कहा…

चर्चामंच के द्वारा आपके ब्‍लाग पर आना हुआ बहुत सुन्‍दर प्रस्‍तुति

ब्‍लाग का समर्थक बन गया हू

आप भी बने तो खुशी होगी

यूनिक तकनीकी ब्‍लाग

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

दरअसल यह हिन्दू परंपरा है जिसका आधार हिन्दू धर्म की स्मृतियाँ हैं .
आपकी यह पोस्ट ब्लॉग की ख़बरें पर भी देखी जा रही है .
See
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/06/masik-dharm.html

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

दरअसल यह हिन्दू परंपरा है जिसका आधार हिन्दू धर्म की स्मृतियाँ हैं .
आपकी यह पोस्ट ब्लॉग की ख़बरें पर भी देखी जा रही है .
See
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/06/masik-dharm.html

रंजीत/ Ranjit ने कहा…

Mayank jee aapne is post ko punarjeevan de diya. aapka aabhar.
Bhai Vinod jee, aapke sneh sar ankhon par. dhayawad aapka.
Bhai Suresh jee, Main bhee chahta hun ki word verification ka pachda na ho. lekin aap jaise jankar mitra hee kahte hain ki spam or attack se bachne ke liye yah kargaar hai. is Blog par maine itna kaam kiya hai ki ab khone ka dar hone laga hai. Thodee dikkat to hai,lekin kya karen ???

सदा ने कहा…

बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ... आभार

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

क्या इस गाँव में ऋतुस्राव का यह पहला केस था?