रविवार, 30 जनवरी 2011

गवाह

हां !
मैं गवाह हूं
मेरे ही युग में
भ्रष्टाचार भारत से बड़ा हो गया है

हां !!
मैं गवाह हूं
मेरे सामने ही हुआ है
आदमी का आत्म-पलायन
और
मुद्दों का मास मास माइग्रेशन

हां !!!
मैं इस बात का भी गवाह हूं
कि मैंने अभी-अभी एक झूठी गवाही दी है

हां !!!!
मै इस बात का भी गवाह हूं
कि मैं आदमी नहीं
आदमी और अंधकार के बीच का कुछ हूं

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