बच्चा कोई भी हो
बीच खेल से
बांह पकड़कर खींच लाओ,तो रोता है
कुछ चॉकलेट लेकर चुप हो जाता है
कुछ चॉकलेट फेंककर भी चुप नहीं होता
मगर हम नहीं समझते
शायद इसलिए
कि हम चॉकलेट देने और बांह मरोड़ने के आगे
सोच ही नहीं पाते
बीच खेल से
बांह पकड़कर खींच लाओ,तो रोता है
कुछ चॉकलेट लेकर चुप हो जाता है
कुछ चॉकलेट फेंककर भी चुप नहीं होता
मगर हम नहीं समझते
शायद इसलिए
कि हम चॉकलेट देने और बांह मरोड़ने के आगे
सोच ही नहीं पाते
3 टिप्पणियां:
nice feelings .
सच है।
शशक्त और प्रभावी ...
सामयिक लिखा है .... प्रहार है इस व्यवस्था पर ...
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