रविवार, 22 नवंबर 2009

लोग, चोर और वोट

लोग !
लोग ही लोग
कुछ सोये हुए लोग
कुछ रोये हुए लोग
बाकी
मरे हुए लोग
शायद, करेंगे वोट
चोर !
चोर ही चोर
कुछ आगे से चोर
कुछ पीछे से चोर
बाकी
विचाराधीन चोर
शायद, लेंगे वोट
 
 

3 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

सतत सजगता का परिणाम--अच्छी रचना। बधाई।

Udan Tashtari ने कहा…

करो न करो-वोट तो लेंगे ये!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अच्छी रचना . गहरा विचार ...........पर हर बार यही होगा .........