सामाजिक चिंतन ..... गहरी सोच ,... सामाजिक मुद्दों पर आपकी पकड़ मजबूत है ......
इसमें एक चीज और है.... सैया भए कोतवाल तो डर काहे का....लोकतंत्र में सिआर और कोतवाल का ही तो राज है ... छोटी- छोटी बातो में बड़ी बात कह रहे है.....अच्छी कविता है....बधाई
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सामाजिक चिंतन ..... गहरी सोच ,... सामाजिक मुद्दों पर आपकी पकड़ मजबूत है ......
इसमें एक चीज और है.... सैया भए कोतवाल तो डर काहे का....लोकतंत्र में सिआर और कोतवाल का ही तो राज है ... छोटी- छोटी बातो में बड़ी बात कह रहे है.....अच्छी कविता है....बधाई
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