कुसहा हादसा के बाद बिहार और केंद्र सरकार ने वादा किया था कि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा था कि कोसी को नियंत्रित करने के लिए नये सिरे से योजना-परियोजना चलायी जायेंगी। लेकिन तीन साल के बाद ही कोसी ने दूसरे कुसहा की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है। सरकारें इस समस्या पर गंभीर नहीं दिख रहीं। "द पब्लिक एजेंडा" ने अपने नवीनतम अंक में इस विषय को गंभीरता से उठाया है। पूरी स्टोरी को पढ़ने के लिए ऊपर की तस्वीर पर क्लिक करें।
बुधवार, 15 जून 2011
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1 टिप्पणी:
आप समय समय पर इस समस्या को उठाते हैं ... आशा है सरकार जल्दी जागे और इस समस्या से निजात पहुँचाए ....
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