पुष्पराज
बाबा मेरा नहीं मरा है , नहीं मरेगा
दिल्ली की छाती पर चढ़कर उधम करेगा
जनवादी जो अलग -अलग गुट, अलख लाल हें
आड़े -तिरछे ,टेढ़ -टाड को सोझ करेगा
सबको मुक्के मार-मार कर ठोस करेगा
बाबा मेरा नहीं मरा है , नहीं मरेगा
(पटना में बाबा नागार्जुन जन्म शताब्दि समारोह के बीच पुष्पराज ने यह कविता लिखी )
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