पड़ोसी पेटजरूआ न कहे
पानी पीकर डकारते रहे बाप
कई-कई रात
कई-कई साल
पेट को कोई कितना परतारे
पानी पीकर कब तक कोई डकारता रहे
पानी पीकर डकारते रहे बाप
कई-कई रात
कई-कई साल
पेट को कोई कितना परतारे
पानी पीकर कब तक कोई डकारता रहे
अब आती है भूख, तो चलते हैं हाथ
जलता है दिमाग
जलता है दिमाग
आप कह सकते हो मुझे द्रोही
राजनीतिक विरोधी
या बहका हुआ कोई अलोकतांत्रिक
नहीं, मुझे नहीं है विश्वास
मैं प्रजातंत्र को कान में नहीं
हाथ में महसूसना चाहता हूं
राजनीतिक विरोधी
या बहका हुआ कोई अलोकतांत्रिक
नहीं, मुझे नहीं है विश्वास
मैं प्रजातंत्र को कान में नहीं
हाथ में महसूसना चाहता हूं
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