बिहार के विभिन्न दियारा और टाल क्षेत्रों में मध्य बिहार से भी ज्यादा खून बहे हैं, लेकिन इस पर बहस नहीं होती । शायद सरकारों ने दियारा को अलग दुनिया मान रखी है। दियारा की हिंसा पर "द पब्लिक एजेंडा'' के हालिया अंक में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। ऊपर की तस्वीर डाउनलोड कर यह रिपोर्ट पढ़ी जा सकती है। मैग्जीन की वेबसाइट पर भी रिपोर्ट उपलब्ध है, क्लिक करें। - रंजीत
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शनिवार, 1 सितंबर 2012
दहशत का दियारा
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3 टिप्पणियां:
अच्छा विषय चुना है आपने
अच्छा विषय चुना है आपने
dhanyawad Bandhu
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