रविवार, 29 जुलाई 2012

अलौकिक और अदभुत

अदभुत  ! लंदन ओलंपिक के उद्‌घाटन समारोह को वर्षों तक याद रखा जायेगा। ओह ! रोशनियों की इन रंगीनियों के क्या कहने !! हालांकि दुनिया की असल तस्वीर ऐसी नहीं है। वह भीषण गरीबी, भयानक अन्याय, पाश्विक हिंसा से अटी पड़ी है, लेकिन इन तस्वीरों को देखकर दुनिया सच में बहुत सुंदर लगती है, क्योंकि इसमें भोपाल नहीं है। इराक नहीं है। अफगानिस्तान और तिब्बत भी नहीं है। पिघलते हिमनद,काले कार्बन,सूखती दरिया, सिमटते जंगल और लुप्त होते जीव भी नहीं हैं। वे  सब कुछ नहीं हैं, जो कटु सच है। यहां सब  कृत्रिम  है वही है, जो नहीं है। इन सबके बावजूद इन तस्वीरों को देखकर सुंदर की उम्मीद जरूर जगती है। आलम मनोरम लगने लगता है... 











2 टिप्‍पणियां:

रंजीत/ Ranjit ने कहा…

dhanyawad apka

Anita ने कहा…

वाह ! बहुत सुंदर चित्र, आभार !