चार महीनों से मैं जिन खतरों की आशंका प्रकट कर रहा था वे आज दोपहर सामने आ ही गये। कुसहा से मिली जानकारी के अनुसार, कोशी नदी ने आज कुसहा के निकट मधुबन (नेपाल) में तीन पायलट चैनल को ध्वस्त कर दिया है और वह दोवारा पिछले साल के अपने परिवर्तित मार्ग से होकर बहने की कोशिश कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी अपने परंपरागत मार्ग को त्यागने की चेष्टा कर रही है। हालांकि अभी दो पायलट चैनल के टूटने की ही सूचना है, लेकिन अगर कोशी के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश जारी रही , तो सभी चैनलों का टूटना लगभग निश्चित है। गौरतलब है कि पायलट चैनल की मदद से कोशी को पिछली जनवरी में उसके असली मार्ग में लाया गया था। इसके बाद ही कुसहा में तटबंध मरम्मत का काम प्रारंभ हुआ था। योजना के मुताबिक , इस वर्ष मार्च से पहले ही कुसहा में तटबंध को पुख्ता कर लिया जाना था। अगर यह काम पूरा हो गया रहता तो अभी कोई खतरा नहीं रहता। लेकिन यह काम अभी तक अधूरा है और अभी तटबंध की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह नदी के वेग को संभाल सके ।
पायलट चैनलों के टूटने का सीधा असर कुसहा में नवनिर्मित तटबंध पर पड़ेगा। चूंकि अभी तक इस तटबंध के स्पर नहीं बनाये जा सके हैं और तटबंध का पक्कीकरण भी नहीं हुआ है, इसलिए अब इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि नदी एक बार नवनिर्मित नाजुक तटबंध को तोड़ दे और पिछले अगस्त की नयी धारा की ओर बढ़ जाये। ऐसी परिस्थिति में पूर्वी बिहार के सुपौल, सहरसा, अररिया, पूर्णिया और मधेपुरा जिले के अलावा नेपाल के सुनसरी जिले में फिर जलप्रलय आ जायेगा। अब सबकुछ इंद्र भगवान पर निर्भर है अगर बारिश रूकी तो कुछ प्रयास भी हो सकते है, अगर नहीं रूकी तो फिर हाथ पर हाथ धरकर तमाशा देखने के सिवा कुछ नहीं किया जा सकता। पता नहीं सरकारी महकमें को इसकी सूचना है भी की नहीं। खुदा हाफिज। आमीन...
पायलट चैनलों के टूटने का सीधा असर कुसहा में नवनिर्मित तटबंध पर पड़ेगा। चूंकि अभी तक इस तटबंध के स्पर नहीं बनाये जा सके हैं और तटबंध का पक्कीकरण भी नहीं हुआ है, इसलिए अब इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि नदी एक बार नवनिर्मित नाजुक तटबंध को तोड़ दे और पिछले अगस्त की नयी धारा की ओर बढ़ जाये। ऐसी परिस्थिति में पूर्वी बिहार के सुपौल, सहरसा, अररिया, पूर्णिया और मधेपुरा जिले के अलावा नेपाल के सुनसरी जिले में फिर जलप्रलय आ जायेगा। अब सबकुछ इंद्र भगवान पर निर्भर है अगर बारिश रूकी तो कुछ प्रयास भी हो सकते है, अगर नहीं रूकी तो फिर हाथ पर हाथ धरकर तमाशा देखने के सिवा कुछ नहीं किया जा सकता। पता नहीं सरकारी महकमें को इसकी सूचना है भी की नहीं। खुदा हाफिज। आमीन...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें