गुरुवार, 14 मई 2009

ए नेता जी, बोलो तुम क्या-क्या लेगा जी


ए नेता जी, ओय नेता जी !
हंग एसेंबली होगा जी
बोलो तुम क्या- क्या लेगा जी
ऑफर बहुत से आयेंगे
कोई बोरा भर कर लायेंगे
कोई झोरा भर कर लायेंगे
अपनी रेट लगाओ जी
ए नेता जी, ओय नेता जी
हंग एसेंबली होगा जी
बोलो तुम क्या- क्या लेगा जी
नंगे-भूखे को गोली मारो
अपने मत का भाव बताओ
जीते हो तो मौज उड़ाओ
जनता की फिकर छोड़ो जी
ए नेता जी, ओय नेता जी !
हंग एसेंबली होगा जी
बोलो तुम क्या- क्या लेगा जी
काले - सफ़ेद का टेंशन छोड़ो
सिर्फ़ अपना डिमांड बताओ
बांकी सब हम पर छोड़ो
हावाला एजेंट पर भरोसा रखो
तकदीर अपनी सबारो जी
ए नेता जी, ओय नेता जी !
हंग एसेंबली होगा जी
बोलो तुम क्या- क्या लेगा जी  

3 टिप्‍पणियां:

इष्ट देव सांकृत्यायन ने कहा…

वाह! वाह!! वाह!!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह जनाब................क्या मजमा लगाया है..नेता जी की ओउकात दिखा दी...........

रचना त्रिपाठी ने कहा…

वाह क्या बात है।