जादूगर नहीं है वह और न ही कोई आतंकवादी है, लेकिन वह अकेले हवाई जहाजों को उ़डान भरने से रोक सकता है। उसके करतब फंतासी कहानी जैसी है। जो भी उसे देखता है बस दांतों तले अंगुली दबा कर रह जाता है। वह हवाईअड्डे के रनवे को जाम कर सकता है। उन पर चिडयों का प्रदशर्न करवा सकता है, उनसे धरना दिलवाकर एयर ट्रैफिक कंट्रोल के इंजीनियरों को निस्सहाय कर सकता है। विमानन कंपनियों के टाइम-टेबल की ऐसी की तैसी कर सकता है, क्योंकि उसके एक इशारे पर हजारों चिड़िया जान देने के लिए न्योछावर रहती हैं। वह जब जहां चाहे वहां हजारों चिडियों को बुला सकता है। उसकी आवाज सुनते झुंड-के-झुंड पंक्षियां भागे-उ़डे चले आते हैं।
इस अद्भुत शख्स का नाम है- गौतम सप्तकोसा। 25 वर्ष का यह युवक तराई नेपाल के गधीगांव, मकवानपुर का रहने वाला है और अलग-अलग प्रजातियों की 175 चिडियों की आवाज निकालने में माहिर है। गौतम सप्तकोसा चिडियों का नकल ही नहीं करता, बल्कि चिडियों की आवाज में ही उनसे संवाद व समन्वय भी कायम कर लेता है। पल भर में चिडिया उसका गुलाम बन जाती है और सामने आदेशपाल की तरह हाजिर रहती है।
गौतम ने यह हैरतअंगेज गुर एक दिन में नहीं सिखा है। बकौल गौतम , " चिडियों की भाषा समझने के लिए मैंने अकेल चार वषर् घने जंगलों में बिताया है। लाख कष्ट उठाकर दिन-रात मेहनत की हैै। मुझे मालूम है कि चिडिया कब काैन-सा स्वर निकालेगी। मैं जानता हूं कि चिडिया उ़डने से पहले, प्रणय निवेदन से पहले, घोंसला में लाैटते वक्त और लाैटने से पहले कैसी-कैसी आवाज निकालती है। मैंने चिडियों के आपसी संवाद आैर समन्वय प्रक्रिया का बारीक अध्ययन किया है कि वह किस गतिविधि के लिए कैसी आवाजें निकालती है। बस इसी जानकारी के बल पर मैं उन्हें अपने पास बुला लेता हूं।'
गौतम अपनी इस अजीबोगरीब उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाना चाहता है। इसके लिए उसने नेपाल सरकार को कई मतर्वे चिट्ठी लिखी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के ऑथिरिटी से भी संपर्क किया। लेकिन अभी तक वह इसमें कामयाब नहीं हो सका है। ग्रामीण पृष्ठभूमि के गौतम का कहना है कि सरकारी अधिकारी उनकी मदद नहीं कर रहे। सरकारी असहयोग के कारण वह काफी दुखी है।
सरकार के असहयोग से हतोत्साहित गौतम ने हाल में ही नेपाल सरकार को धमकी देते हुए कहा है कि अगर उनकी इस अनूठी उपलब्धिक को वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कराने लिए प्रयास नहीं हुये, तो वह काठमांडू के त्रिभुवन हवाईअड्डे पर विमानों का परिचालन बंद करवा देंेगे। बकौल गौतम,"मैं गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल होने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा हूं। हमने सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। देश के विदेश, वित्त और वन मंत्रालय को भी सारे कागजात व सबूत मुहैया करा दिये हंै, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। कोई मेरी सहायता नहीं कर रहा। अगर सरकार मेरी नहीं सुनेगी, तो मैं तीन महीने बाद त्रिभुवन हवाईअड्डे पर विमानों का परिचालन ठप करवा दूंगा। मेरी आवाज पर हजारों चिड़िया रनवे के ऊपर मंडराने लगेंगी और सब देखते रह जायेंगे।'
लेकिन यह बात समझ में नहीं आ रही कि दुनिया भर के पक्षीशास्त्री (ऑरनिथोलॉजिस्ट) गौतम से संपर्क क्यों नहीं कर रहे ? अगर वास्तव में इस युवक ने पक्षियों की चहचहाहट को डिकोड किया है, तो यह मानवेत्त्ार भाषा विज्ञान के क्षेत्र की एक युगांतकारी घटना है। गौतम की मदद से चिड़ियों के बारे में कइर् अनसुलझे सवालों को सुलझाया जा सकता है। गौतम चिड़ियों की विलुप्तप्राय प्रजातियों को पहचानने और उनके संरक्षण के काम में भी ब़डा योगदान दे सकता है।
इस अद्भुत शख्स का नाम है- गौतम सप्तकोसा। 25 वर्ष का यह युवक तराई नेपाल के गधीगांव, मकवानपुर का रहने वाला है और अलग-अलग प्रजातियों की 175 चिडियों की आवाज निकालने में माहिर है। गौतम सप्तकोसा चिडियों का नकल ही नहीं करता, बल्कि चिडियों की आवाज में ही उनसे संवाद व समन्वय भी कायम कर लेता है। पल भर में चिडिया उसका गुलाम बन जाती है और सामने आदेशपाल की तरह हाजिर रहती है।
गौतम ने यह हैरतअंगेज गुर एक दिन में नहीं सिखा है। बकौल गौतम , " चिडियों की भाषा समझने के लिए मैंने अकेल चार वषर् घने जंगलों में बिताया है। लाख कष्ट उठाकर दिन-रात मेहनत की हैै। मुझे मालूम है कि चिडिया कब काैन-सा स्वर निकालेगी। मैं जानता हूं कि चिडिया उ़डने से पहले, प्रणय निवेदन से पहले, घोंसला में लाैटते वक्त और लाैटने से पहले कैसी-कैसी आवाज निकालती है। मैंने चिडियों के आपसी संवाद आैर समन्वय प्रक्रिया का बारीक अध्ययन किया है कि वह किस गतिविधि के लिए कैसी आवाजें निकालती है। बस इसी जानकारी के बल पर मैं उन्हें अपने पास बुला लेता हूं।'
गौतम अपनी इस अजीबोगरीब उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करवाना चाहता है। इसके लिए उसने नेपाल सरकार को कई मतर्वे चिट्ठी लिखी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के ऑथिरिटी से भी संपर्क किया। लेकिन अभी तक वह इसमें कामयाब नहीं हो सका है। ग्रामीण पृष्ठभूमि के गौतम का कहना है कि सरकारी अधिकारी उनकी मदद नहीं कर रहे। सरकारी असहयोग के कारण वह काफी दुखी है।
सरकार के असहयोग से हतोत्साहित गौतम ने हाल में ही नेपाल सरकार को धमकी देते हुए कहा है कि अगर उनकी इस अनूठी उपलब्धिक को वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कराने लिए प्रयास नहीं हुये, तो वह काठमांडू के त्रिभुवन हवाईअड्डे पर विमानों का परिचालन बंद करवा देंेगे। बकौल गौतम,"मैं गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल होने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा हूं। हमने सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। देश के विदेश, वित्त और वन मंत्रालय को भी सारे कागजात व सबूत मुहैया करा दिये हंै, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। कोई मेरी सहायता नहीं कर रहा। अगर सरकार मेरी नहीं सुनेगी, तो मैं तीन महीने बाद त्रिभुवन हवाईअड्डे पर विमानों का परिचालन ठप करवा दूंगा। मेरी आवाज पर हजारों चिड़िया रनवे के ऊपर मंडराने लगेंगी और सब देखते रह जायेंगे।'
लेकिन यह बात समझ में नहीं आ रही कि दुनिया भर के पक्षीशास्त्री (ऑरनिथोलॉजिस्ट) गौतम से संपर्क क्यों नहीं कर रहे ? अगर वास्तव में इस युवक ने पक्षियों की चहचहाहट को डिकोड किया है, तो यह मानवेत्त्ार भाषा विज्ञान के क्षेत्र की एक युगांतकारी घटना है। गौतम की मदद से चिड़ियों के बारे में कइर् अनसुलझे सवालों को सुलझाया जा सकता है। गौतम चिड़ियों की विलुप्तप्राय प्रजातियों को पहचानने और उनके संरक्षण के काम में भी ब़डा योगदान दे सकता है।
3 टिप्पणियां:
रोचक ........... सच मुच कितनी म्हणत करी होगी चिडियों की आवाज़ निकालने और पहचानने में........... सलाम है ऐसे धुन के पक्के लोगों को
दोस्त इनका एक वीडियो पक्षियों को बुलाते हुए क्यों नहीं उपलब्ध करा देते मीडिया को
लोग अपने आप आ जाएंगे
श्याम
bhot hi roshak jankari mili..... vastav me hume apne aas paas ke chijo ko samajhana hoja.... ise tarahh vividhta bhari chigo ko bhi jagah dete rahiye.......
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