शनिवार, 4 अक्टूबर 2008

एक बोध कथा

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यह पोस्ट कनाडा से संजय भगत जी ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर भेजा था , लेकिन इस कथा का रस कुछ ऐसा है की मैं इसे अपने तक नहीं रख सका । संजय जी पेशे से कंप्यूटर अभियंता हैं।

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

प्रेरक प्रसंग है-कुछ दिन पहले ही अंग्रेजी में ईमेल से पढ़ा था.

रंजीत/ Ranjit ने कहा…

apko dhanyawad udan tashtari bhai. aapkee sajagta kabile-salam hi.