फिर-फिर हुए भोर
नहीं-नहीं मचे शोर
हार गये हरिया, जीत गये चोर
लो हो गया वोट, लो हो गया वोट
घायल आकाश का लौटा होश
सहमे पंछियों को फिर आया जोश
जो बोला सब पानी था, जो न बोला वह ठोस
लो हो गया वोट, लो हो गया वोट
उड़न खटोले बंद हुए
दारोगा जी मंद हुए
राज करे राजा, देश खाये चोट
लो हो गया वोट, लो हो गया वोट
नहीं-नहीं मचे शोर
हार गये हरिया, जीत गये चोर
लो हो गया वोट, लो हो गया वोट
घायल आकाश का लौटा होश
सहमे पंछियों को फिर आया जोश
जो बोला सब पानी था, जो न बोला वह ठोस
लो हो गया वोट, लो हो गया वोट
उड़न खटोले बंद हुए
दारोगा जी मंद हुए
राज करे राजा, देश खाये चोट
लो हो गया वोट, लो हो गया वोट
2 टिप्पणियां:
सचमुच यही हाल है!
आज कल ऐसा ही हाल है.............वोट रोज ही आते हैं............फिर दुबारा, फिर तिबारा आते हैं........शोर मचता है.......सब चले जाते हैं.....हाल वाही रहता है
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